बेज़ुबान पक्षी को आरिफ़ से प्यार हो गया: आरिफ़ पर FIR, कितना लाचार है, बेजुबान। कैद कर दिया गया, उड़ता परिंदे को?
सारस को क्या पता वो यूपी का राजकीय पक्षी है, वो खुद साथ रहना चाहता है वर्ना उड़ जाता। जब यह सारस पूरे गांव में उड़ता फिर रहा था तब इन्हें कैद लग रहा था। अब इन्होंने इसको पिंजरे में डालकर आजाद कर दिया !! जिस घायल सारस को आरिफ़ ने बचाया, इलाज किया, देखभाल की, ख़ाना दिया, बच्चे जैसा ख़्याल रखा। उस आरिफ़ पर उत्तर प्रदेश सरकार ने FIR दर्ज कर ली है। और अब पूछताछ के लिए बुलाया है।
- आरिफ़ को सारस घायल अवस्था में मिला।
- आरिफ़ ने उसकी खूब सेवा कर जान बचाई।
- बेज़ुबान पक्षी को आरिफ़ से प्यार हो गया।
- योगी सरकार ने आरिफ़ पर FIR कर दी।
- बहुत अफ़सोस हुआ ये सुनकर यहाँ तो हम अन्याय कर सकते हैं।
- ईश्वर की अदालत में क्या जवाब देंगे?
ये केवल हमारे देश में ही हो सकता है कि सारस का इलाज कर उससे दोस्ती करने पर वन विभाग केस दर्ज कर ले.. वन विभाग का नोटिस मिलने के बाद अमेठी निवासी आरिफ बोले, सारस का पैर टूटा हुआ था हमने इलाज किया, हम चाहते थे कि वो चला जाये लेकिन वो मेरे साथ रहने लगा,
आरिफ ने घायल सारस का ईलाज किया ठीक होने तक देख भाल की, आज़ाद रखा। फिर विपक्ष के नेता ने खेतो मे सारस के साथ फोटो ली बाद वन विभाग सारस को ले गए अब आरिफ पर केस दर्ज किया गया है। दुनिया जानती है सारस किसान का मित्र पक्षी है, खेतों में अक्सर दिखते है। एक किसान के बेटे ने घायल सारस की जान बचाई, मित्र बन गया, खेतों में उसके साथ उड़ता फिरता था, ये कौन सा जुर्म हुआ? जुर्म तो आपने किया है, कैद कर। कितना लाचार है, बेजुबान। कैद कर दिया गया, उड़ता परिंदे को ?
अखिलेश यादव यू बोलै अब कि यूपी सरकार और यूपी वन विभाग के लोग आरिफ को डराना चाहते है। यदि कानून सारस के लिये है तो अन्य जानवरों के लिये भी है। पशुओं के प्रति प्रेम को लेकर आरिफ को सम्मान देना चाहिये था। ये दूसरों के दुख से सुखी होने वाले लोग हैं, सारस तक की ख़ुशी इनसे देखी नहीं गयी। ये पक्षियों तक की खुली उड़ान के ख़िलाफ़ हैं, ये भला इंसान की आज़ादी की बात क्या करेंगे। सारस राजकीय पक्षी है इसलिए उसे पाल नहीं सकते। साथ ही आरिफ के साथ रहने में उसकी आजादी छिन रही थी यह बोलकर उसे वापस ले लिया गया। अब उसे कानपुर चिड़ियाघर के एक पिंजरे में उसकी ‘आज़ादी’ दे दी गई है।