गन्ना सर्वे 2021-22 : जानिए क्या है यूपी में जारी हुई गन्ना सर्वेक्षण नीति, किसानों को कितना होगा लाभ

प्रदेश में इस पेराई सत्र 2021-22 के लिए गन्ना क्षेत्रफल के आंकलन के बाबत गन्ना सर्वेक्षण नीति (गन्ना सर्वे 2021-22) जारी कर दी गयी थी। इस नीति में कोरोना संक्रमण को देखते हुए डिजिटलीकरण को बढ़ावा दिया गया है। पहली बार गन्ना किसानों को अपनी उपज के बारे में आनलाइन घोषणा पत्र भरने की सुविधा दी गयी है। प्रदेश के आयुक्त, गन्ना एवं चीनी संजय आर. भूसरेड्डी ने पेराई सत्र 2021-22 के वास्ते गन्ना सर्वेक्षण नीति जारी कर दी है।

उन्होंने मीडिया को बताया था कि प्रत्येक पेराई सत्र में गन्ने के सम्भावित उत्पादन को ध्यान में रखकर चीनी मिलों के गन्ना क्षेत्र का निर्धारण तथा किसानों द्वारा चीनी मिलों को, की जाने वाली गन्ने की आपूर्ति की योजना तैयार की जाती है। गन्ना उत्पादन के सही आंकलन के लिये बोये गये गन्ने के क्षेत्र का सही सर्वेक्षण एक अत्यन्त महत्वपूर्ण एवं आधारभूत कार्य है।

गन्ना किसानों की समस्याओं के त्वरित निस्तारण
भूसरेड्डी ने बताया था कि गन्ना सर्वेक्षण (गन्ना सर्वे 2021-22) का कार्य पहली मई से शुरू होकर 30 जून, तक सम्पन्न होगा। सर्वे कार्य में शुद्धता,पारदर्शिता और गन्ना किसानों की समस्याओं के त्वरित निस्तारण के दृष्टिगत तथा डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा देने के लिए “ स्मार्ट गन्ना किसान प्रोजेक्ट’ के तहत विकसित ई.आर.पी. में कम्प्यूटर डिवाईस के माध्यम से सर्वे कार्य कराया जायेगा।

घोषणा पत्र आनलाइन अपलोड हो रहा है
उन्होंने ये बताया था कि इस वर्ष गन्ना किसानों को उनके बोये गये क्षेत्रफल के संबंध में enquiry.caneup.in वेबसाइट पर घोषणा-पत्र ऑनलाइन अपलोड करने की सुविधा प्रदान की गयी है। घोषणा-पत्र का प्रारूप भी सरलीकृत किया गया। घोषणा पत्र के साथ अपनी एवं गाटा संख्या की पहचान हेतु यह भी अनिवार्य किया गया है कि घोषणा पत्र के साथ अपनी पहचान हेतु गन्ना कृषक को आधार कार्ड देना होगा, आधार कार्ड न होने पर मतदाता पहचान पत्र/ड्राइविंग लाईसेन्स /पासपोर्ट/पैन कार्ड अथवा बैंक पासबुक के फोटो वाले पृष्ठ की छायाप्रति जो स्वप्रमाणित की गई हो तथा राजस्व खतौनी की स्व-प्रमाणित प्रति वेबसाइट पर अपलोड करनी होगी।

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    • Web Title: Sugarcane Survey 2021-22: Know what is the sugarcane survey policy issued in UP, how much will the farmers benefit

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