Shayari Hindi | हुई मुद्दत किये दायर मुहब्बत के मुक़द्दमे को – Anamika Jain Amber
बशर था कौन चुपके से जो दिल के दरम्यां आया।
मिला जबसे तो उल्फत का मुझे भी हौंसला आया।
हुई मुद्दत किये दायर मुहब्बत के मुक़द्दमे को
ज़माना हो गया अब तक न इसका फैसला आया। – अनामिका जैन अंबर
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