मेरठ न्यूज़ : संवाद इंडिया मीडिया ग्रुप द्वारा गणतंत्र दिवस और बसंत पंचमी के अवसर पर एक वर्चुअल काव्य गोष्ठी का आयोजन
मेरठ न्यूज़ : संवाद इंडिया मीडिया ग्रुप द्वारा गणतंत्र दिवस और बसंत पंचमी के अवसर पर एक वर्चुअल काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। काव्य गोष्ठी का संचालन संवाद इंडिया मीडिया ग्रुप के प्रबन्ध निदेशक प्रशान्त कौशिक ने किया और काव्य गोष्ठी में मेरठ से मुक्तक सम्राट के नाम से विख्यात कवि डॉ. ईश्वर चन्द गम्भीर, प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. राम गोपाल भारतीय, सुप्रसिद्ध कवियत्री शुभम त्यागी, रिवाडी (हरियाणा) से कवि रोहतास प्रधान, लुधियाना (पंजाब) से कवियत्री डॉ. जसप्रीत कौर फलक ने सहभागिता की।
कवियत्री शुभम त्यागी ने मां शारदा की वन्दना से काव्य गोष्ठी का शुभारंभ किया। – मान करु, सम्मान करु मां चरणों का तेरे ध्यान करु मां, आओ पधारों मातृश्री, मैं तेरा ही गुणगान करु मां। जग जाहिर है मां की ममता, जिसकी कोई नहीं है कोई समता, इसलिए तो कविताओं में, तेरा गहरा ध्यान करु मां।
इसी के साथ शुभम त्यागी ने देश के प्रति स्वयं को न्यौछावर करने वाले शहीदों की स्मृति में अपने मन के भावों को व्यक्त करते हुए कहा कि – शहीदों की चलो मिल कर कोई बात हो जाए, भले अब दिन निकल जाए, भले ही रात हो जाए, कहानी राजा रानी की ना मां हमको सुनाना तुम, कहानी अब शहीदों की नई सौगात हो जाए।
कवियत्री डॉ. जसप्रीत कौर फलक ने मां सरस्वती के चरणों में अपने भावों को समर्पित करते हुए कहा कि – मां शारदे ज्ञान दे मुझको , कविता का वरदान दे मुझको, साहित्य साधना करती हूं मैं, एक नई पहचान दे मुझको, अन्तर्मन के दीप जला दे, तुम शब्दों का दान दे मुझको। फुलों जैसी हूं मैं, तितली सा परिधान दे मुझको।
हरियाणा से रोहतास प्रधान ने कविता पाठ करते हुए कहा कि – कल कल नदियां, छम छम झरने कहते है, वो स्पर्श तुम्हारा आज भी है, हां मैं बचकाना जब तुम आए, मेरी स्मृति पर चहुं ओर छाए, कुछ कह ना सका, देखता ही रहा, तुमसे मिले हर उबटन को लेपता ही रहा, आज मुझे उन यादों के मजरों से डर लगता है, जो दिल में उतर जाए, उन खंजरों से डर लगता है।
मुक्तक सम्राट के नाम से विख्यात कवि डॉ. ईश्वर चन्द गम्भीर ने कहा कि – जो तुर्बतो में बंद है उस राख को नमन, जन्मे है जिसमें उस वतन की राख को नमन, जो हंसते हंसते हो गए कुर्बान वतन पर, मंगल को, भगत सिंह को, अशफाक को नमन।
प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. राम गोपाल भारतीय ने कहा कि
उदास आंख में बादल संभाल रक्खा है
बिछुड़ते वक्त भी मां ने खयाल रक्खा है
किसी फ़कीर की खुद्दारियों से मत उलझो
अमीरे- शहर को झोली में डाल रक्खा है
संवाद इंडिया मीडिया ग्रुप द्वारा संवाद इंडिया यूट्यूब चैनल पर यह काव्य गोष्ठी का प्रसारण भी किया गया।
Web Title: Meerut News : A virtual poetry seminar organized by Samvad India Media Group on the occasion of Republic Day and Basant Panchami