Meerut Mayor News: विधायक अतुल प्रधान और रफीक अंसारी ने लखनऊ में डेरा डाला

विधायक अतुल प्रधान और रफीक अंसारी

Meerut Mayor News: मेरठ महापौर के टिकट के लिए समाजवादी पार्टी के दो विधायकों अतुल प्रधान और रफीक अंसारी ने लखनऊ में डेरा डाल दिया है। सरधना विधायक अतुल प्रधान अपनी पत्नी पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष सीमा प्रधान और मेरठ शहर विधायक रफीक अंसारी अपनी पत्नी खुर्शीदा अंसारी को चुनाव लड़ाना चाहते हैं।

आरक्षण में कोई बदलाव नहीं होने पर अब बिलकुल साफ हो गया कि मेरठ निगम में महापौर सीट पिछड़ा वर्ग के लिए ही आरक्षित रहेगी। बीते रविवार को चुनाव आयोग ने चुनाव अधिसूचना जारी कर दी है। सभी राजनीतिक दलों के साथ ही समाजवादी पार्टी में भी दावेदारों में खींचतान शुरू हो गई है। टिकट के लिए सबसे बड़ी दावेदारी सरधना सपा विधायक अतुल प्रधान और सपा शहर विधायक रफीक अंसारी के बीच मानी जा रही है। दोनों विधायकों ने लखनऊ में डेरा डाल दिया है। इनके अलावा सपा से गूमी गांव के कर्मवीर गूमी, सपा नेता जितेंद्र गुर्जर, जिला पंचायत सदस्य सम्राट मलिक अपनी माता के लिए भी ताल ठोक रहे हैं। हालांकि अभी महापौर प्रत्याशी के लिए गठबंधन में सपा व रालोद दोनों पार्टियों में किसके चुनाव चिह्न पर चुनाव लड़ा जाएगा, यह तय तो नहीं हुआ है।

सुनीता वर्मा जीती थीं बसपा से

पिचले चुनाव में हस्तिनापुर पूर्व विधायक योगेश वर्मा की पत्नी सुनीता वर्मा बसपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव जीती थीं लेकिन बाद में सुनीता वर्मा सपा में शामिल हो गई थीं। इनसे पहले वर्ष 2006 में महापौर पद पर सपा समर्थित लीलावती की जमानत जब्त हो गई थी और 10 पार्षद चुने गए थे। साल 2012 में सपा समर्थित महापौर प्रत्याशी रफीक अंसारी हारे थे और चार पार्षद जीते थे। साल 2017 में महापौर प्रत्याशी दीपू मनोठिया हारीं और चार पार्षद जीते थे। सपा अपने बूते मेरठ नगर निगम का चुनाव अभी तक नहीं जीत पाई है, ऐेसे में रालोद और सपा का गठबंधन होने से खतौली विधानसभा सीट की तरह इस बार दोनों पार्टियां जीत होने का दावा भी कर रही हैं। यही कारण है कि सपा के साथ रालोद में भी टिकट के दावेदारों की लंबी लाइन है।

गठबंधन में रालोद की मजबूत दावेदारी

नगर निकाय चुनाव समाजवादी पार्टी और रालोद मिलकर लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। ऐसे में मेरठ की महापौर सीट रालोद का मजबूत दावा है। अगर रालोद के खाते में यह सीट चली गई तो दावेदारी ठोक रहे सपा नेता हाथ मलते रह जाएंगे। रालोद पूरी मजबूती के साथ मेरठ महापौर की सीट अपने लिए मांग रहा है। रालोद के दावे को सपाइयों के बीच खींचतान से भी ताकत मिल रही है।

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