ऐसे कार्ड धारक जिनके पास शस्त्र लाइसेंस है, या फिर उनके पास पांच केवीए का जनरेटर है, या फिर 100 वर्ग मीटर में खुद की आय से अर्जित आवासीय प्लॉट है, वह अपने राशन कार्ड को तत्काल निरस्त करा लें। अगर लोगों ने खुद कार्ड निरस्त नहीं कराएं तो सत्यापन के बाद खाद्य विभाग की टीम इसे निरस्त करेगी, जिसमें नियमानुसार कार्रवाई भी की जा सकती है।
सरकार ने राशन कार्ड बनाने के लिए नियम बनाया है। जिसमें ग्रामीण क्षेत्र में दो लाख और शहरी क्षेत्र में तीन लाख पारिवारिक सालाना आय वालों का राशन कार्ड बनाया जाता है। प्रत्येक जिले में राशन कार्ड बनाने के लिए लक्ष्य निर्धारित किया है, उसके अधिक राशन कार्ड नहीं बनाए जा सकते हैं।
Table of Contents
अपात्र
- शस्त्र लाइसेंस
- पांच केवीए का जनरेटर
- 100 वर्ग मीटर में खुद की आय से अर्जित आवासीय प्लॉट
- ग्रामीण क्षेत्र में दो लाख सालाना आय
- शहरी क्षेत्र क्षेत्र में तीन लाख सालाना आय
नियमानुसार राशन कार्ड धारक वही हो सकता है जो भिक्षावृत्ति करता हो, घरेलू काम-काज करने वाला हो, जूते-चप्पल की मरम्मत करता हो, फेरी-खोमचा लगाने वाला, रिक्शा चालक हो, कुष्ठ रोगी, कैंसर, एड्स पीड़ित हो, अनाथ बच्चे, स्वच्छकार, दैनिक वेतनभोगी मजदूर जैसे कुली, पल्लेदार, भूमिहीन मजदूर, गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाला परिवार, परित्यक्त महिलाएं, परिवार जिसकी मुखिया निराश्रित महिला दिव्यांग या मानसिक रूप से हो।
पात्र
- भिक्षावृत्ति करता हो
- घरेलू काम-काज करने वाला हो
- जूते-चप्पल की मरम्मत करता हो
- फेरी-खोमचा लगाने वाला
- रिक्शा चालक हो
- कुष्ठ रोगी, कैंसर
- एड्स पीड़ित हो
- अनाथ बच्चे
- स्वच्छकार
- दैनिक वेतनभोगी मजदूर
- जैसे कुली
- पल्लेदार
- भूमिहीन मजदूर
- गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाला परिवार
- परित्यक्त महिलाएं
- परिवार जिसकी मुखिया निराश्रित महिला दिव्यांग या मानसिक रूप से हो।
तमाम आवेदन इस बीच आए हैं, जो पात्र हैं, लेकिन जिले में कार्ड की संख्या दिए गए लक्ष्य से अधिक होने के कारण उन्हें कार्ड देना संभव नहीं हो पा रहा है। तमाम ऐसे लोग हैं, जो सुविधा संपन्न हैं और उनके पास कार्ड भी हैं। ऐसे लोग अपना कार्ड निरस्त कराएं। अगर ऐसा नहीं हुआ तो सत्यापन के आधार पर कार्ड निरस्त कराया जाएगा। उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
नए राशनकार्ड को आधार कार्ड जरूरी
बेघरों का कोई निश्चित ठिकाना नहीं होता। इसलिए पता सत्यापित नहीं होने से उनके आधार कार्ड भी नहीं बन पा रहे हैं। खास यह है कि जिन गरीब परिवारों के पहले से राशनकार्ड बने हैं, उनमें सैकड़ों लोगों के यूनिट इस कारण कट गए, क्योंकि उनके राशन कार्डों मेें दर्ज परिवार के मुखिया और यूनिट सदस्यों की आधार सीडिंग (आधार पर अंग्रेजी में दर्ज नाम की स्पेलिंग का शत-प्रतिशत मिलान) नहीं हो हो सकी है। ऐसे करीब 40 हजार यूनिट सदस्यों को मुफ्त खाद्यान्न से वंचित रहना पड़ रहा है।
शासन ने प्रदेश के सभी जिला पूर्ति अधिकारी को आदेश दिया है कि राशन कार्ड धारकों को सर्वे कराएं। सर्वे में जो गरीब से अमीर बन गए हैं या अपात्र हैं, उनका राशन कार्ड निरस्त कर दें और उनके स्थान पर गरीबों का राशन कार्ड बनाएं। अपात्र पाए जाने वाले व्यक्ति से उठाए गए खाद्यान्न की कीमत वसूली करने के आदेश दिए हैं। अपात्र से 24 रुपये प्रति किलो गेहूं व 32 रुपये प्रति किलो चावल की दर से कीमत वसूली जानी है