IPS officer Deepak Ratan: आईपीएस अधिकारी दीपक रतन (IPS officer Deepak Ratan) का सोमवार को हार्ट अटैक से निधन हो गया है। इस खबर के बाद पूरे पुलिस विभाग में शोक की लहर है। दीपक रतन वर्तमान में सीआरपीएफ (CRPF) के आईजी (IG) थे। इनकी पोस्टिंग नॉर्थ सेक्टर में आईजी एडमिन (IG Admin in North Sector) के रूप में थी। दीपक रतन 1997 बैच के आईपीएस अधिकारी थे और अपनी बैचमेट आईएएस अधिकारी कामिनी चौहान (IAS officer Kamini Chauhan) से लव मैरिज की थी।
आपको बता दे कि इस समय दोनों केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर थे। कामिनी चौहान मेरठ में पहली महिला डीएम रही हैं। इनकी पत्नी बहुचर्चित आईएएस अधिकारी हैं, जिनका पूरा नाम कामिनी चौहान रतन है। दीपक रतन मूल रूप से मध्य प्रदेश के भोपाल शहर के रहने वाले हैं। लेकिन यूपी के कई जिलों में तैनात रहे हैं। दीपक अलीगढ़ रेंज में आईजी के पद पर भी रहे हैं।
पुलिस विभाग शोक में डूबा
वर्ष 1997 बैच के यूपी कॉडर के आईपीएस अधिकारी दीपक रतन का सोमवार को हृदय गति रुकने से निधन हो गया। केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर सीआरपीएफ में आईजी के पद पर तैनात दीपक रतन के निधन से पुलिस महकमा शोक में डूब गया। सोमवार शाम उनको सीने में दर्द की शिकायत के बाद दिल्ली के साकेत स्थित मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां चिकित्सकों ने उनको मृत घोषित कर दिया। उनकी पत्नी कामिनी रतन चौहान 1997 बैच की ही आईएएस अधिकारी हैं और केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर तैनात हैं।
कौन थे आईपीएस अधिकारी दीपक रतन
मूल रूप से मध्य प्रदेश के भोपाल निवासी दीपक रतन का जन्म 26 सितंबर 1973 को हुआ था। इंजीनियर बनने के बाद उनका आईपीएस सेवा के लिए चयन हुआ। अगस्त, 2020 में अलीगढ़ रेंज के आईजी पद पर तैनाती के दौरान उनको केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर सीआरपीएफ भेजा गया था। उनको राष्ट्रपति के वीरता पदक, डीजीपी की गोल्ड कमेंडेशन डिस्क समेत कई सम्मान भी मिले थे। यूपी पुलिस ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है।
कामिनी रतन चौहान
1997 बैच की आईएएस ऑफिसर हैं. कामिनी रतन चौहान बुलंदशहर में DM के तौर पर कार्यरत रहते हुए मतदाताओं को जागरूक करने की खातिर कामिनी रतन चौहान ने सबसे बड़ी रंगोली बनवाया और कीर्तिमान स्थापित करने का काम किया. इसके लिए इन्हें उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के द्वारा ‘निर्वाचन आयोग बेस्ट इलेक्ट्रिकल प्रैक्टिसेज अवार्ड’ से भी सम्मानित किया गया था. कामिनी रतन चौहान अनाथ बच्चों को अच्छे स्कूलों में शिक्षा दिलाने के लिए प्रयास करती रही हैं. जिसके लिए उन्हें काफी सराहना मिली.
