Gomti River Front Scam: सीबीआई की बड़ी कार्रवाई, 190 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज, छापेमारी जारी

  • अखिलेश यादव सरकार में हुए रिवर फ्रंट घोटाले में सीबीआई ने 3 राज्यों के हवाला कारोबारियों, कंस्ट्रक्शन कंपनियों और बड़े इंजिनियरों के 42 ठिकानों पर चलाया तलाशी अभियान…..
  • गोरखपुर में बीजेपी विधायक राकेश सिंह बघेल के भी घर CBI का छापा, भाई का है कंस्‍ट्रक्‍शन कंपनी से कनेक्‍शन.
  • बुरे फंस सकते हैं अखिलेश यादव!

लखनऊ : सपा सरकार में हुए रिवर फ्रंट घोटाले में सोमवार को [आज ] सीबीआई ने बड़ी कार्रवाई शुरू की है. लखनऊ, कोलकाता, अलवर, सीतापुर, रायबरेली, गाजियाबाद, नोएडा, मेरठ, बुलंदशहर, इटावा, अलीगढ़, एटा, गोरखपुर, मुरादाबाद और आगरा में एक साथ छापेमारी की. 13 जिलों में छापे, 42 ठिकानों में तलाशी हो रही है. सीबीआई ने कई सुपरिंटेंड इंजीनियर और अधिशासी इंजीनियरों के खिलाफ केस दर्ज किया है.

सीबीआई लखनऊ की एंटी करप्शन ब्रांच ने प्रदेश सरकार के निर्देश पर सिंचाई विभाग की ओर से लखनऊ के गोमतीनगर थाने में दर्ज कराए गए मुकदमे को आधार बनाकर 30 नवंबर 2017 में नया मुकदमा दर्ज किया था. इसमें सिंचाई विभाग के तत्कालीन मुख्य अभियंता (अब सेवानिवृत्त) गुलेश चंद, एसएन शर्मा व काजिम अली, तत्कालीन अधीक्षण अभियंता (अब सेवानिवृत्त) शिव मंगल यादव, अखिल रमन, कमलेश्वर सिंह व रूप सिंह यादव तथा अधिशासी अभियंता सुरेश यादव नामजद हैं. सीबीआई ने अपनी जांच शुरू भी कर दी. उसने सिंचाई विभाग से हासिल पत्रावलियों की जांच करने के अलावा हवाला लेनदेन की कच्ची पर्चियों के आधार पर कुछ आरोपियों से पूछताछ भी की.

सीबीआई जांच की संस्तुति करने से पहले प्रदेश सरकार ने अप्रैल 2017 को इस घोटाले की न्यायिक जांच कराई थी. इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज न्यायमूर्ति आलोक सिंह की अध्यक्षता में गठित समिति ने जांच में दोषी पाए गए इंजीनियरों व अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराए जाने की संस्तुति की थी. इसके बाद 19 जून 2017 को सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता डॉ. अंबुज द्विवेदी ने गोमतीनगर थाने में धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया थी. बाद में यह जांच सीबीआई को स्थानान्तरित हो गई.

सीबीआई अब इस आरोप की जांच कर रही है कि प्रोजेक्ट के तहत निर्धारित कार्य पूर्ण कराए बगैर ही स्वीकृत बजट की 95 प्रतिशत धनराशि कैसे खर्च हो गई? प्रारंभिक जांच के अनुसार प्रोजेक्ट में मनमाने तरीके से खर्च दिखाकर सरकारी धन की बंदरबांट की गई है. यह प्रोजेक्ट लगभग 1513 करोड़ रुपये का था, जिसमें से 1437 करोड़ रुपये काम खर्च हो जाने के बाद भी 60 फीसदी काम भी पूरा नहीं हो पाया. आरोप यह भी है कि जिस कंपनी को इस काम का ठेका दिया गया था, वह पहले से डिफाल्टर थी.

गोरखपुर में बीजेपी विधायक राकेश सिंह बघेल के घर CBI का छापा, भाई का है कंस्‍ट्रक्‍शन कंपनी से कनेक्‍शन

सोमवार की सुबह प्रदेश के 13 जिलों में एक साथ छापामारी के क्रम में गोरखपुर के राप्‍तीनगर स्थित गणेशपुरम में विधायक राकेश सिंह बघेल के घर भी सीबीआई का छापा पड़ा है. बताया जा रहा है कि विधायक के भाई उस कंस्‍ट्रक्‍शन कंपनी से जुड़े हैं जो इस मामले में शामिल है. सीबीआई टीम सुबह नौ बजे के करीब विधायक के आवास पर पहुंची. तबसे लगातार छानबीन जारी है. आवास के बाहर मीडिया का जमावड़ा लगा है.

मिली जानकारी के अनुसार सीबीआई ने प्रदेश के 13 जिलों में 42 ठिकानों पर एक साथ तलाशी अभियान शुरू किया है. लखनऊ में सीबीआई पांच बड़े इंजीनियरों की तलाशी ले रही है. 407 करोड़ रुपए के इस घोटाले में सीबीआई ने कई सुपरिंटेंड इंजीनियर, हवाला कारोबारियों और अधिशासी इंजीनियरों के खिलाफ केस दर्ज किया है.

सीबीआई अब इस आरोप की जांच कर रही है कि प्रोजेक्ट के तहत निर्धारित कार्य पूर्ण कराए बगैर ही स्वीकृत बजट की 95 प्रतिशत धनराशि कैसे खर्च हो गई? प्रारंभिक जांच के अनुसार प्रोजेक्ट में मनमाने तरीके से खर्च दिखाकर सरकारी धन की हवाला लेनदेन के जरिये बंदरबांट की गई है.

सीबीआई सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक शुक्रवार को करीब 190 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई, वहीं आज सुबह सीबीआई ने उत्तर प्रदेश के अलावा राजस्थान और पश्चिम बंगाल में 42 जगहों पर एक साथ छापेमारी की.

F. I. R. में नाम आने के बाद गोमती नदी में फार्मा मैनेजर अर्चित अग्रवाल ने लगाई छलांग, मौत

गोमती में शनिवार देर रात करीब दो बजे एक फार्मा कंपनी में मैनेजर अर्चित अग्रवाल ने पुल पर स्कूटी खड़ी कर छलांग लगा दी. गोमतीनगर थाने की पुलिस ने गोताखोरों और अग्निशमन विभाग व एसडीआरएफ की मदद से दो घंटे बाद शव को बाहर निकाला.

प्रभारी निरीक्षक गोमतीनगर केशव कुमार तिवारी के मुताबिक, नाका के गणेशगंज निवासी महेश अग्रवाल ने सूचना दी कि उनका भतीजा अर्चित अग्रवाल रात को घर से स्कूटी से निकला था. उसने 1090 चौराहे के पास गोमती नदी में छलांग लगा दी. पुलिस ने गोताखोरों की मदद से तलाश शुरू की. लेकिन अंधेरा होने से सफलता नहीं मिली. सूचना पर पहुंची अग्निशमन विभाग और एसडीआरएफ की टीम ने दो घंटे बाद अर्चित के शव को बाहर निकाला. अर्चित की स्कूटी पुल पर खड़ी मिली. पारिवारिक सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, अर्चित अग्रवाल वर्तमान में रेड्डी फार्मा में मैनेजर के पद पर था और पूर्व में लखनऊ के बड़े हवाला कारोबारी के यहाँ नौकरी करता था. पूछताछ में सामने आया है कि 190 लोगों की F.I.R. में अर्चित का नाम आने के कारण अर्चित ने खुदकुशी की है. परिवार में पत्नी व छह साल की बेटी है.

बुरे फंस सकते हैं अखिलेश यादव!

विधानसभा चुनाव से पहले यूपी की सियासत उतार चढ़ाव से गुजर रही है. चुनाव से चंद महीने पहले सपा प्रमुख अखिलेश यादव गोमती रिवरफ्रंट मामले में घिरते नजर आ रहे हैं. इस पुराने मामले पर अब सीबीआई का शिकंजा कसता नजर आ रहा है.

सत्ता में बीजेपी सरकार आने के बाद से कई अफसरों के खिलाफ अब तक एफआईआर दर्ज की जा चुकी है. मामले में अब फिर से छापेमारी का दौर शुरू हो चुका है. योगी सरकार ने चार साल पहले घोटाले की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की थी. उससे पहले अप्रैल 2017 में राज्य सरकार ने रिवर फ्रंट घोटाले की न्यायिक जांच के आदेश दे दिए थे. जांच के बाद गोमती नगर थाने में कई अधिकारियों के खिलाफ कमेटी ने मुकदमा (FIR)दर्ज कराया था. उसी एफआईआर को आधार बनाकर सीबीआई ने रिपोर्ट दर्ज की थी. जिसमें एक इंजीनियर की गिरफ्तारी हुई है. गिरफ्तार हुए इंजीनियर का नाम रूप सिंह बताया जा रहा है. रिवर फ्रंट परियोजना के तहत अकेले सिंचाई विभाग ने 800 से अधिक टेंडर जारी किए थे. इनमें नियमों को दरकिनार कर ठेकेदारों को काम दिया गया था. उस समय लखनऊ खंड शारदा नहर के अधिशासी अभियंता रूप सिंह के खिलाफ सीबीआई को पर्याप्त सुबूत मिले थे.

ज्ञात हो, विधानसभा चुनाव के दौरान 2017 में भाजपा सरकार आने पर मामले की जांच कराने की बात कही गई थी.

Source : ANI. [ File Photo ]

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