Condom | अब कंडोम का झंझट खत्म‚ वैज्ञानिकों ने बर्थ कंट्रोल का एक नया तरीका
- Condom | Now the hassle of condoms is over
- scientists have found a new method of birth control
वैज्ञानिकों ने बर्थ कंट्रोल का एक नया तरीका ढूंढ निकाला है जिसे आसानी से इस्तेमाल किया जा सकता है और बर्थ पर प्रभावी कंट्रोल लगाया जा सकता है। वैज्ञानिकों के अनुसार कांट्रेसेप्टिव मोनोक्लोनल एंटीबॉडी से बनाया जा रहा है। यह गर्भनिरोधक महिलाओं के हार्मोन में किसी तरह के बदलाव किए बिना बेहतर तरीके से काम करेगा।
साइड इफेक्ट की वजह से इस्तेमाल नहीं करते
भारत में ऐसे बच्चों की संख्या बहुत ज्यादा है जो बिना किसी प्रेगनेंसी प्लैनिंग के ही पैदा हो जाते हैं। हालांकि कई लोग बर्थ कंट्रोल के लिए कई तरीके के उपकरण और दवाइयों का सहारा लेते हैं लेकिन इनमें से ज्यादातर पुरुष और महिलाएं इनके साइड इफेक्ट की वजह से इस्तेमाल करने से घबराते हैं।
बर्थ कंट्रोल का एक बिलकुल नया तरीका
लेकिन अब वैज्ञानिकों ने बर्थ कंट्रोल का एक बिलकुल नया तरीका ढूंढ निकाला है जिसे आसानी से इस्तेमाल किया जा सकता है और बर्थ पर प्रभावी कंट्रोल लगाया जा सकता है। कांट्रेसेप्टिव मोनोक्लोनल एंटीबॉडी से बनाया जा रहा है। यह गर्भनिरोधक महिलाओं के हार्मोन में किसी तरह के बदलाव किए बिना बेहतर तरीके से काम करेगा।
प्रेगनेंसी होने का सवाल ही पैदा नहीं
वैज्ञानिकों के अनुसार मोनोक्लोनल एंटीबॉडी इम्यून सिस्टम के जरिए वीर्य पर ठीक उसी तरह हमला करेगा जिस प्रकार किसी वायरस पर करता है। यह वीर्य को महिला के अंडे से मिलने से पहले ही अपना शिकार बना लेगा। वैज्ञानिकों का कहना है कि जब स्पर्म अंडे के संपर्क में आएगा ही नहीं तो प्रेगनेंसी होने का सवाल ही पैदा नहीं होगा।
स्पर्म को पकड़कर उसे कमजोर बना देती है
इस बारे में साइंस ट्रांसलेशन मेडिसन और ईबीओमेडिसिन पत्रिका में कॉन्ट्रासेप्टिव मेथड के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है। स्टडी के अनुसार मोनोक्लोनल एंटीबॉडी स्पर्म को पकड़कर उसे कमजोर बना देती है। यह भी जानने की कोशिश की गई है कि क्या इसका इस्तेमाल गर्भनिरोधक के तौर पर किया जा सकता है। इसे वजाइना में डालना कितना सुरक्षित है।
मेडिकल स्टोर से मिल सकेगी
मोनोक्लोनल एंटीबॉडी को कोरोना के इलाज में भी प्रयोग किया जाता है। स्टडी के अनुसार लेखक एंडरसन ने कहा है कि यह एंटीबॉडीज वीर्य को बांधकर रखने में काफी मददगार होती हैं। ये कांट्रेसेप्टिव एक पतली झिल्ली की तरह होगी जो बिना किसी प्रिसक्रिप्शन के मेडिकल स्टोर से मिल सकेगी और पूरे 24 घंटे तक अपना काम करेगी।
महिलाओं में ज्यादा लोकप्रिय होगी
एंडरसन के मुताबिक मुझे लगता है कि ये उन महिलाओं में ज्यादा लोकप्रिय होगी जो कभी-कभी संबंध बनाती हैं। ऐसी महिलाएं उन दवाओं के इस्तेमाल से बचती हैं जिनका असर हार्मोन पर लंबे समय तक रहता है। उन्हें ऐसे प्रोडक्ट की जरूरत पड़ती है जिसका इस्तेमाल वह अपनी जरूरत के हिसाब से कर सकेगी।
महिला वॉलिंटियर्स पर इसका ट्रायल
वैज्ञानिकों के अनुसार गर्भनिरोधक के तौर पर एंटीबॉडी का इस्तेमाल सबसे पहले भेड़ के ऊपर किया गया था। स्टडी में प्राकृतिक एंटीबॉडी की तुलना में मोनोक्लोनल एंटीबॉडी को स्पर्म पर ज्यादा प्रभावी पाया गया। एंडरसन की टीम ने इसके डोज और सुरक्षा को समझने के लिए कई महिला वॉलिंटियर्स पर इसका ट्रायल भी किया है।
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