Chai Shayari Status Quotes in Hindi | Best Chai Shayri Status Quotes | चाय पर शायरी 1 लाइन | चाय पर शायरी 2 लाइन | इश्क और चाय शायरी स्टेट्स कोट्स इन हिंदी | चाय पर कविता | चाय और बारिश शायरी | चाय पर शायरी, स्टेटस, कोट्स, कविता इन हिन्दी
हेलो दोस्तों आज हम आपको Chai Shayari in Hindi बताने वाले है। तो अगर आप एक चाय लवर है तो यह आर्टिकल सिर्फ और सिर्फ आपके लिए है। इस पोस्ट में आपको गरमा गरम चाय पर शायरी मिलेंगी जैसे- Tea Status, Chai Shayari, Chai Shayari With Image जिनको आप शेयर भी कर सकते हैं ।

Table of Contents
Chai Lover Shayari in Hindi | चाय पर शायरी इन हिंदी
ये जो चाय से इतनी मोहब्बत है,
कसम से ये सब तुम्हारी बदौलत है !
अर्ज किया है …
भाड़ में जाए दुनियादारी …
सबसे प्यारी चाय हमारी ।
जितना अच्छा तुम मुंह बनती हो,
काश तुम चाय भी उतना ही अच्छा बनाती।
मेरा राब्ता उससे वैसा है,
जैसा चाय पत्ती का दूध से
होता है चाय पत्ती दूध को
चाय बनाकर बाहर ही छन
जाती है।।
वो पल भी कोई पल है,
जिस पल में तेरा एहसास न हो,
वो चाय फिर चाय कैसी
जिसमें तेरे होंठो सी मिठास न हो.
चाय के नशे का आलम तो कुछ इस कदर है,
कोई राई भी दे तो अदरक वाली बोल देते हैं ।
खुद के लिए कुछ दिन अकेले ही जी लेना,
किसी ओर के हाथ की नहीं,
अपने हाथ की चाय बनाकर पी लेना ।
कम्बख्त चाय को मेरी लत लग गयी हैं
चाहती हैं मेरे होठो से लगाना
ना जाने कैसा सुख मिलता हैं
मेरी जीभ जला कर।
कॉफ़ी में चाय मिलकर पीती है,
आज भी वो किसी और के प्यार में जीती है।
शिकायतें खत्म करनी है तो
चाय का कप बड़ा रखिये।
इश्क़ है तो जाहिर कर,
बना कर चाय हाज़िर कर
अदरक डाल या डाल इलाइची
कूटकर मोहब्बत भी शामिल कर।
रोजाना का इंतज़ार वही वक़्त और ऐसी तलब,
चाय की प्याली से भी एक रिश्ता बन जाता है।
चाय के नशे का आलम तो कुछ इस कदर है,
कोई राई भी दे तो अदरक वाली बोल देते हैं ।
चाय☕ के बाद दूसरा रंग तुम्हारा👸 है,
जो मुझे साॅवला अच्छा लगता है।
गरम चाय हो और चाय की प्याली हो,
कोई खूबसूरत हसीना पिलाने वाली हो।
हम चाय पिने वालों के पास एक
चमत्कारी इलाज़ होता है मर्ज कैसा
भी हो दवा का नाम सिर्फ चाय होता है।
अपनी अपनी फितरत है जनाब,
उन्होंने बेवफाई नहीं छोड़ी, हमने चाय नहीं छोड़ी।
उस चाय से भरे प्याले में बस कमी थी,
तो उसके इश्क़ करने वाले हाथों की !
सुबह की चाय और बड़ो की राये,
समय समय पर लेते रहना चाहिए।
कुछ लम्हे फ़ुर्सत के
कुछ पल सुहाने
कुछ चाय की गरमाहट
कुछ ख़याल तुम्हारे।
जब सुबह-सुबह तेरे प्यार के नग्में को गुनगुनाता हूं,
लब मुस्कुराते है जब चाय का कप उठाता हूं।
आज तो चाय पीने आ जाओ
इतनी धुंध में भला कौन दिखेगा।
चाय ही तो है जो हर मौसम और सुख
दुख में, बगैर रंग बदले साथ निभाती है।
वर्ना लोग तो खैर जाने दो आओ चाय पीते हैं।
चाय पर शायरी 2 लाइन | चाय पर शायरी 1 लाइन
हर कोई आगे बढ़ गया मेरी दुनिया से,
बस चाय और मै पीछे रह गए।
ताउम्र जलते रहे हैं धीमी धीमी आँच पर,
तभी ये इश्क़ और चाय मशहूर हुए हैं।
जब ये लब चाय और तेरे लबों को छू लेते है,
तो हम एक पल में सदियां जी लेते है !!
तेरी यादों का नशा है मुझे चाय☕ की तरह,
सुबह सबसे पहले तेरी👰 ही याद आती हैं।
ज़िम्मेदारियां मजबूर कर देती है अपना शहर छोड़ने को,
वरना कौन घर की चाय पीना नहीं चाहता।।
दिल टूटा तो बहुत सारे रिश्तों
को भी तोड़ा, बड़ी मोहब्बत थी
चाय से भी, इसे भी छोड़ा।
ये गरम चाय तो यूं ही बदनाम है,
कलेजा तो आपकी बेरुखी से जलता है,
बैठे चाय की प्याली लेकर पुराने किस्से गरम करने,
चाय ठंडी होती गई और आँखे नम !
दोबारा गर्म की हुई चाय☕ और
समझौता किया हुआ रिश्ता☝
दोनों में पहले जैसी
मिठास 👀कभी नही आती।
गम-ए-इश्क़ को कुछ इस कदर भुला आया,
मैं पुराने दोस्तों के साथ अदरक वाली गर्म चाय पी आया।
सुकूं की नींद का तालिब था एक मुद्दत से
मैं उसकी चाय में गांजा मिला के लौट आया।
बैठे चाय की प्याली लेकर पुराने
किस्से गरम करने चाय ठंङी होती
गई और आंखें नम।
तीन ही शौक थे मेरे
इक चाय, इक शायरी और तुम।
लोगो ने दारु को तो यूँही बदनाम किया है,
असली नसा तो चाय पीने में है ।
वो पल भी कोई पल है,
जिस पल में तेरा👰 एहसास न हो,
वो चाय ☕फिर चाय कैसी
जिसमें तेरे होंठो 💋सी मिठास न हो।
न चाय से हुई, न कॉफ़ी से हुई,
हमारी दोस्ती की शुरुआत टॉफ़ी से हुई।
महफ़िल में जो मिले इंकार तो
नहीं मगर,तन्हाई में अक्सर मैंने
चाय से वफा मांगा है।.
वो अदरक सी तीखी मैं कड़क सी चाय
वो मुझसे मिल जाए, फिर चाय पी जाए
लोगों की दोस्ती पर शक होने लगा है,
क्योंकि चाय पिने वाला आज कल,
कॉफी जो पिने लगा है !
सभी सिसकियों की हाय लाया हूँ,
अहल-ए-गम बैठों जरा मैं चाय☕लाया हूँ।
प्रिय तापमान,
शर्म आती है तुम पर,
कितने गिर गए हो तुम…
तुम्हारे गिरने की वजह से मेरी चाय ठंडी हो गई!!
चाय पीते वक्त चर्चा और
गर्लफ्रेंड बनाते वक्त खर्चा
हम बिल्कुल नहीं करते है,
इसलिए खुश रहते है.
मेरी जिन्दगी में तेरी याद भी उसी तरह है
जैसे सर्दी की चाय में अदरक का स्वाद
चाय दूसरी एसी चीज़ है,
जिससे आंखें खुलती है,
धोखा अभी भी पहले नम्बर पर है !
छोड़ जमाने की फ़िक्र यार👷,
चल किसी नुक्क्ड़ पे चाय☕ पीते है।
मैं शीतल सा कुल्लड़ हूं,
तुम गर्म सी चाय प्रिय Good Morning
दिल तो टूटना ही था, चाय के दिवाने.
इश्क कॉफी लवर से जो कर बैठे थे..
मैंने तेरे शहर के हर नुक्कड़ की चाय पी कर देख ली
तेरे कुल्हड़ से पी हुई चाय का वो स्वाद कही नहीं मिला
जितना उबलती है उतनी बेहतर लगती है,
ये चाय भी ना मुझे मेरे,
गुस्सेवाली बाबू जैसे लगती है !
मेरे☺ जज्बातों का कोई तो सिला दो,
कभी घर बुला के चाय☕ तो पिला दो।
कलम, कागज़ और एक कप चाय हो,
वक्त गुजारने का बस यही उपाय हो।
एक अजीम तोहफा है चाय भी,
सिर्फ ये बात चाय पीने वाले ही
जानते है।
वक्त के साथ जमाना भी बदला
कुल्हड़ की जगह कांच ने ले ली
मेरी वो चार रूपये वाली चाय
मैंने आज चौदह रूपये में ले ली
रिश्तों में मिठास आखिर क्यूं न हो,
आपके महबूब को चाय जो पसंद है !
तो सिर्फ दवा है साहब,
दर्द तो कुछ और ही है !
चाय☕ दूसरी एसी चीज़ है जिससे आँखें👀खुलती है,
धोखा अभी भी पहले☝ नम्बर पर है ।
तीन ही शौक थे मेरे
इक चाय, इक शायरी और तुम।
चाय की चुस्की के साथ अक्सर
कुछ गम भी पीता हूं, मिठास
कम है जिंदगी में मगर जिंदादिली
से जीता…।.
आजकल कुल्हड़ सा हो गया हूँ मैं
जो भी आता है चाय पीता है और तोड़ जाता है.
जीभ जलने पर जब चाय छोडी नही जाती,
तो दिल ज़लने पर इश्क क्या खाक छोड़ेंगे !
सुनो तुम चाय☕अच्छी बनाती हो,
पर मुंह😛बनाने में भी तुम्हारा कोई जवाब नहीं।
जैसे जैसे इन सर्दियों में कोहरा हुआ,
चाय के साथ मेरा इश्क ओर गहरा हुआ।।
मेरा हर सिर दर्द दूर भाग जाता है,
जब जब चाय का नाम आ जाता है।
चाय के कप से उड़ते धुंए में
मुझे तेरी शक़्ल नज़र आती है.
तेरे इन्ही ख़यालों में खोकर,
मेरी चाय अक्सर ठंडी हो जाती है.
यू मुझपे अपनी नजरो का कहर न ढाओ
सुबह हो गयी है थोड़ी सी चाय लेते आओ..!!
वो पल भी कोई पल है,
जिस पल तेरा एहसास ना हो,
वो चाय फिर चाय कैसी,
जिसमें तेरे होठों सी मिठास ना हो !
बैठे चाय☕ की प्याली लेकर पुराने किस्से गरम करने,
चाय☕ ठंडी होती गई और आँखें😢 नम।
तख्त चाहिए ना ताज चाहिए,
मुझे मेरी ‘चाय’ और ‘चाह’ का हिसाब चाहिए।
मेरा राब्ता उससे वैसा है,
जैसा चाय पत्ती का दूध से होता है …
चाय पत्ती दूध को चाय बनाकर बाहर ही छन जाती है।।
चाय की तलब तो पीने से मिट जाती हैं
लेकिन तुम्हारे होठो को चूमने की
तलब चूमने से और बढ़ जाती हैं..
साथ में चाय पीकर चाहत को
बढ़ाया करो, रिश्तों से दूरी बनाकर
दिल के दरार नही भरते है.
इस भागते हुए वक़्त पर कैसे लगाम लगाई जाए,
ऐ वक़्त आ बैठ तुझे एक कप चाय पिलाई जाए.
कॉफी वाले तो सिर्फ फ्लर्ट करते हैं,
कभी इश्क़ करना हो तो चाय वालों से मिलना !
आओ साथ💏 बैठकर चाय☕पीते है,
सुना👂 है, साथ💑 में पीने से चाहत❤बढ़ती है।
जितना अच्छा तुम मुँह😔 बनती हो,
काश तुम चाय☕ भी उतना ही अच्छा बनाती।
जानलेवा है उसका सांवला रंग
और मैं कड़क चाय का शौक़ीन भी हूं।
हाथ में चाय और यादों में आप हो,
फिर उस खुशनुमा सुबह की क्या
बात हो।.
चाय की प्याली से उठते हुए धुए मे
आपकी सूरत नजर आती है,
आपके इन खयालो में खो कर
अक्सर मेरी चाय ठंडी हो जाती है
चाय के बाद दूसरा रंग तुम्हारा है,
जो मुझे सांवला अच्छा लगता है !
ये चाय की मोहब्बत तुम क्या जानो,
हर एक घूँट में एक अलग ही नशा है !
लहजा☝जरा ठंडा रखे जनाब,
गर्म तो हमे सिर्फ चाय☕ पसंद है।
रोजाना का इंतज़ार वही वक़्त और ऐसी तलब,
चाय की प्याली से भी एक रिश्ता बन जाता है।
चाय दूसरी ऐसी चीज़ है,
जिससे आँखें खुलती है
पड़ोसन अभी भी पहले
नम्बर पर है..
सिर्फ हमको ही नहीं
इन चाय की प्याली को भी लगी हैं लत आपके होठों की।
सांवला है रंग थोड़ा कड़क मिजाज है,
सुनो तुम पसंद हो मुझे,
तुम्हारा चाय जैसा स्वाद है।
मान लो मेरी👨राय,
इश्क से बेहतर है चाय☕।
अब ना ही किसी का दिल दुखाएंगे,
अब ना ही किसी पर हक़ जताएंगे,
अब यूंही चाय पीकर 4 दिन की जिन्दगी बिताएंगे …
ना चाय लेते है
ना काफी लेते है
हम तेरे इश्क के मरीज है
सुबह उठते ही तेरा
नाम लेते।
मेरी धड़कने बेक़ाबू हो घबराई थी, चाय देते
बख़्त उनकी उंगलियां जब मेरे हाथों से टकराई थी ❤️
जैसे शाम ढलती जा रही है,
तुम्हारे संग चाय की तलब,
बढ़ती जा रही है।
दिल💔टूटा तो बहुत सारे रिश्तों को भी तोड़ा,
बड़ी मोहब्बत थी चाय☕से भी, इसे भी छोड़ा।
मान लो मेरी राय,
इश्क से बेहतर है चाय।
गरम चाय और इश्क़ साहब
हम तो कब का छोड़ चुके।
बिस्किट समोसे या हो पकोड़े … बदलते रहे स्वाद अपनों की तरह।
ज़िन्दगी मगर उबलती रही …..हर मौसम में चाय की तरह।।
मिलों कभी चाय पर फिर कोई किस्से बुनेंगे,
तुम खामोशी से कहना हम चुपके से सुनेंगे !
जब वो👰अपने हाथों से चाय☕बनती है,
चाय☕बड़ी गरम और कड़क हो जाती है।
किसको बोलू हेलो, किसको बोलू हाय,
हर टेंशन की बस एक ही दवा अदरक वाली चाय।
चाय पर बुलाओ तो कुछ घर
जैसा माहौल बने. ये तेरा कॉफी
पर बुलाना ऑफिस जैसा लगता है.!
अपनी भी झींदगी कुछ युं चल रही हे
मानो जैसे धीमी आंच पे चाय उबल रही हे
किसको बोलूँ हेलो और किसको बोलू हाय,
हर टेंशन की एक ही दवा है अदरक वाली चाय !
कुछ लोग☝गरम चाय☕नहीं पीते है,
ना जाने वो लोग कैसे जीते है।
चाय भर कर टपरी वाले ग्लास में,
अब भी बैठा हूं तेरे आने की आस में …!!
इश्क़ और सुबह की चाय
दोनों एक समान होती हैं,
हर बार वही नयापन,
हर बार वही ताज़गी….
हलके में मत लेना तुम सावले रंग को,
दूध से कहीं ज्यादा देखे हैं शौकीन मैंने चाय के !
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