सहारनपुर में 2 मंत्रियों के गढ़ में हारी BJP: सरसावा में अपनी बहन को नहीं जीता पाए मंत्री दिनेश खटीक, हस्तिनापुर में मिली जीत

सहारनपुर/हस्तिनापुर : सहारनपुर में तीन मंत्रियों में से एक मंत्री ही अपनी साख बचा पाए है। यूपी सरकार के जलशक्ति राज्यमंत्री दिनेश खटीक अपनी छोटी बहन वर्षा मोघा को चुनाव नहीं जीता सके। नगर पालिका सरसावा सीट पर भाजपा की अंतर्कलह चुनाव से पहले सामने आ गई थी। यहीं कारण रहा कि भाजपा प्रत्याशी वर्षा मोघा तीसरे नंबर पर रही।

राज्यमंत्री दिनेश खटीक की दो बहनो का हुआ था टिकट

भाजपा ने जलशक्ति राज्यमंत्री और हस्तिनापुर विधायक दिनेश खटीक की 2 बहनों को चुनाव मैदान में उतारा था। मेरठ की हस्तिनापुर सीट से विधायक और राज्यमंत्री दिनेश खटीक की छोटी बहन वर्षा मोघा सहारनपुर के सरसावा से भाजपा के टिकट पर चेयरमैन का चुनाव लड़ा गया। वही दूसरी बहन सुधा देवी को मेरठ की हस्तिनापुर नगर पंचायत सीट से चेयरमैन का प्रत्याशी बनाया था।

हालांकि सरसावा से मंत्री की बहन वर्षा मोघा तीसरे नंबर पर रही। निर्दलीय प्रत्याशी कोमल पंवार जीत गई। दूसरे नंबर पर बसपा की शकुंतला रही। वहीं उनकी दूसरी बहन हस्तिनापुर नगर पालिका का चुनाव 712 वोटों से जीत गई है। सुधा को 6814 वोट मिले हैं। उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी सुनीता रानी को हराया है। आपको बता दे कि सुनीता रानी व उनके पति अरुण कुमार लगातार तीन बार से हस्तिनापुर के चेयरमैन है।

शुरू से ही दोनों बहनों के टिकट पर उठे सवाल

राज्यमंत्री दिनेश खटीक की दोनों बहनों के टिकट होने के बाद राजनीतिक गलियारों में परिवारवाद को बढ़ावा न देने का दावा करने वाली भाजपा पर सवाल उठना शुरू हो गया था। सहारनपुर की नगर पालिका सरसावा से जब वर्षा मोगा का टिकट हुआ तो भाजपा के एक संगठन ने विरोध करना शुरू कर दिया। परिवारवाद का बढ़ावे का आरोप लगाते हुए करीब 12 से ज्यादा लोगों ने संगठन से एक साथ इस्तीफा दे दिया था।

2017 में दिनेश खटीक के बहनोई बने थे चेयरमैन

राजनीति पंडितों की माने तो 2023 के निकाय चुनाव में राज्यमंत्री दिनेश खटीक की बहन को भाजपा प्रत्याशी बनाए जाने पर विरोध परिवारवाद को बढ़ावा देने के आरोप के साथ शुरू हुआ। क्योंकि 2017 में दिनेश खटीक के बहनोई सुशील मोगा भाजपा से चुनाव लड़े थे और उन्हें 3928 वोट लेकर विजयी हुए थे। लेकिन 2023 के निकाय चुनाव में दोबारा से इसी परिवार को टिकट मिलने पर भाजपा पदाधिाकारियों और कार्यकर्ताओं में विरोध के स्वर फूट पड़े।

भाजपा की अनदरुनी अंतर्कलह सामने आने लगी। 19 अप्रैल को सरसावा से नगर अध्यक्ष समेत कई लोगों ने भाजपा से सामूहिक इस्तीफ दे दिया। इनमें महामंत्री, उपाध्यक्ष, 8 पूर्व सभासद, बूथ अध्यक्ष, शक्ति केंद्रों के संयोजक भी शामिल थे। विरोध इस बात को लेकर रहा, पहले पति फिर पत्नी को टिकट पार्टी ने दिया है। दूसरे लोगों को मौका नहीं दिया जा रहा।

Web Title: BJP lost in the stronghold of 2 ministers in Saharanpur: Minister Dinesh Khatik could not win his sister in Municipality Sarsawa, won in Hastinapur

Leave a Comment