अवनि लेखरा जीवन परिचय | Avani Lekhara Biography In Hindi
Avni Lekhara Biography In Hindi: अवनि लेखारा (Avani Lekhara Paralympics) (जन्म 8 नवंबर 2001) एक भारतीय पैरालिंपियन हैं, जिन्होंने टोक्यो 2020 पैरालिंपिक में महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग में स्वर्ण पदक जीता था। पैरा राइफल शूटर। वह पैरालंपिक स्वर्ण पदक जीतने वाली भारत की पहली महिला हैं, और उन्होंने टोक्यो 2020 पैरालंपिक खेलों में एक नया पैरालंपिक रिकॉर्ड स्थापित करते हुए और विश्व रिकॉर्ड की बराबरी करते हुए यह उपलब्धि हासिल की। वह वर्तमान में महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल में SH1 (वर्ल्ड शूटिंग पैरा स्पोर्ट रैंकिंग) में वर्ल्ड नंबर 5 है और उन्होंने 2018 एशियाई पैरा गेम्स R2 – महिलाओं की 10M एयर राइफल स्टैंडिंग, R3 – मिक्स्ड 10M एयर राइफल प्रोन, R6 में भी भाग लिया। – मिश्रित 50M राइफल प्रोन और R8 – महिलाओं की 50M राइफल 3 स्थिति (SH1 इवेंट)। पैरा चैंपियंस प्रोग्राम के माध्यम से उन्हें गोस्पोर्ट्स फाउंडेशन द्वारा समर्थित किया गया है।
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अवनि लेखारा ने 10 मीटर एयर पिस्टल में देश को पहला गोल्ड मेडल दिला दिया है।

कौन हैं टोक्यो पैरालंपिक्स में गोल्ड जीतने वाली शूटर अवनि लेखरा?
अवनि लेखरा शूटिंग में SH1 कैटेगरी में खेलती हैं. साल 2012 में एक कार एक्सिडेंट में उनकी रीढ़ की हड्डी में चोट आई थी. जिसके बाद उन्हें 6 महीने तक बेड पर ही रहना पड़ा. 2015 में उनके पिता ने पहली बार उनका परिचय खेलों से कराया. अवनि ने शुरुआत तीरंदाजी से की. जिसमे उन्हें कुछ ख़ास इंट्रेस्ट नहीं आया. उसके बाद उन्होंने शूटिंग की तरफ रुख किया.
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कौन हैं Avani?
अवनि ने शूटिंग की शुरुआत जयपुर के जगतपुरा स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स से की. साल 2017 में उन्होंने पहली बार इंटरनेशनल इवेंट में भाग लिया. UAE में हुए पैरा-शूटिंग वर्ल्ड कप में उन्होंने सिल्वर मेडल अपने नाम किया. दो साल बाद क्रोएशिया में हुए पैरा-शूटिंग वर्ल्ड कप में एक बार फिर सिल्वर जीता. इसी साल मार्च में हुई नेशनल पैरा-शूटिंग चैंपियनशिप के 10 मीटर एयर राइफल इवेंट में अवनि ने अपना पहला गोल्ड जीता.
नाम | अवनि लेखरा |
निक नाम | अवनि |
जन्म तिथि | 8 November 2001 |
जन्म स्थान | जयपुर (राजस्थान) |
ग्रह नगर | जयपुर (राजस्थान) |
गांव | जयपुर |
राष्ट्रीयता | भारतीयता |
शिक्षा | उच्च शिक्षा कानून – राजस्थान विश्वविद्यालय: जयपुर, भारत |
धर्म | हिन्दू |
खेल | निशानेबाजी |
कोच | सुभाष राणा, चन्दन सिंहएवं जेपी नौटियाल |
प्रभावित | ओलंपिक पदक विजेता शूटर अभिनव बिद्रा |
माता का नाम | श्वेता जेवरिया |
पिता का नाम | प्रवीन कुमार लेखरा |
अवनि लेखारा ने रचा इतिहास, Avani Lekhara Paralympics में भारत के लिए गोल्ड मेडल जीतने वाली बनीं पहली महिला खिलाड़ी
टोक्यो पैरालंपिक में अवनि लेखारा ने इतिहास रचते हुए देश को पहला गोल्ड मेडल दिला दिया है। फाइनल मुकाबले में अवनि ने 249.6 पॉइट के साथ गोल्ड पर अपना कब्जा जमाया। अवनि शुरुआत से ही शानदार फॉर्म में नजर आईं और उन्होंने पूरे मैच में अपना दबदबा कायम रखा। अवनि भारत की तरफ से पैरालंपिक में गोल्ड मेडल जीतने वालीं पहली महिला खिलाड़ी हैं।
अवनि लेखारा पैरालंपिक खेलों में पदक जीतने वाली वह तीसरी भारतीय महिला \ Avani Lekhara Paralympics
अवनि ने फाइनल में 249.6 अंक बनाकर विश्व रिकार्ड की बराबरी की और पहला स्थान हासिल किया। उन्होंने चीन की झांग कुइपिंग (248.9 अंक) को पीछे छोड़ा। यूक्रेन की इरियाना शेतनिक (227.5) ने ब्रॉन्ज जीता। अवनि पैरालंपिक (Avani Lekhara Paralympics) खेलों में गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी हैं। यह भारत का इन खेलों की निशानेबाजी प्रतियोगिता में भी पहला पदक है। टोक्यो पैरालंपिक में भी यह देश का पहला गोल्ड मेडल है। पैरालंपिक खेलों में पदक जीतने वाली वह तीसरी भारतीय महिला हैं।

वह टोक्यो, जापान में पैरालिंपिक खेलों के लिए क्वालीफाई करती है और अब वह टोक्यो, जापान में 2020 ग्रीष्मकालीन पैरालिंपिक के शूटिंग पैरालंपिक में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया। अवनि ने इससे पहले क्वालीफिकेशन राउंड में 21 निशानेबाजों के बीच सातवें स्थान पर रहकर फाइनल्स में प्रवेश किया था। उन्होंने 60 सीरीज के छह शॉट के बाद 621.7 का स्कोर बनाया जो शीर्ष आठ निशानेबाजों में जगह बनाने के लिये पर्याप्त था।
अवनी लेखरा ने जीवन में कभी हारना नहीं सीखा
वर्ष 2012 में सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से चोटिल होने वाली जयपुर (राजस्थान) की अवनी लेखरा ने जीवन में कभी हारना नहीं सीखा। अवनी की जीत की इसी प्रवृत्ति ने उन्हें निशानेबाजी स्पर्धा में अगस्त 2021 में होने वाले टोक्यो पैरालंपिक का कोटा दिलवाया है। अवनी पैरालंपिक में चार इवेंट में हिस्सा लेंगी। अवनी इन दिनों मानव रचना रचना शिक्षण संस्थान में स्थित शूटिग रेंज में जारी प्रथम पैरा शूटिग चैंपियनशिप में हिस्सा लेने के फरीदाबाद आई हुई हैं।
अवनी वर्ष 2012 में सड़क दुर्घटना में घायल हो गई थी और उनकी आधे शरीर में लकवा मार गया था। इस हादसे में परिवार के अन्य सदस्य भी घायल हुए थे। सड़क दुर्घटना के बाद से ही पूरी तरह से व्हील चेयर पर निर्भर हो गई हैं। अवनी ने कभी अपने दिव्यांग होने का अफसोस नहीं मनाया है, बल्कि उन्होंने अपनी दिव्यांगता को अवसर में बदला है। अवनी के इस कार्य में उनकी मां श्वेता जेवरिया बखूबी साथ दे रही हैं। श्वेता प्रत्येक प्रतियोगिता में अपनी बेटी के साथ जाती हैं। जुटी तैयारियों में
आयु | आयु 19 years (2021) |
लम्बाई | |
वजन | |
आखो का रंग | काला |
त्वचा का रंग | फेयर |
शौक | संगीत सुनना, फिल्में और टेलीविजन देखना, खाना पकाना, पकाना, अपने परिवार के साथ समय बिताना |
हीरो/आइडल | भारतीय निशानेबाज अभिनव बिंद्रा |
खेल दर्शन / आदर्श वाक्य | “जीवन अच्छे कार्ड रखने में नहीं है, बल्कि उन कार्डों को खेलने में है जिन्हें आप अच्छी तरह से पकड़ते हैं।” |
पुरस्कार और सम्मान | 2019 में उन्हें भारत में गोस्पोर्ट्स फाउंडेशन द्वारा मोस्ट प्रॉमिसिंग पैरालंपिक एथलीट नामित किया गया था। |
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